बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024-25 के पहले टेस्ट से पहले भारतीय क्रिकेट टीम को कई चोटों के कारण खिलाड़ियों के चयन में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रमुख खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी ने बीसीसीआई को युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल को ऑस्ट्रेलिया में मुख्य टीम के लिए विकल्प के रूप में बनाए रखने पर विचार करने के लिए मजबूर किया है।
चोटों से जूझ रही टीम इंडिया
16 नवंबर को एक इंट्रा-स्क्वाड मैच के दौरान, भारतीय टीम के स्टार सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को उंगली में चोट लग गई। इसी मैच में, केएल राहुल भी बल्लेबाजी के दौरान चोटिल हो गए और मैदान छोड़ने को मजबूर हो गए।
इन चोटों के अलावा, कप्तान रोहित शर्मा के पहले टेस्ट में खेलने की संभावना कम है, क्योंकि वे अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए परिवार के साथ रहेंगे। इस स्थिति में भारतीय टीम अपने तीन प्रमुख बल्लेबाजों के बिना हो सकती है, जिससे टीम प्रबंधन को पहले टेस्ट के लिए बैकअप खिलाड़ियों को शामिल करने पर विचार करना पड़ रहा है।
साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल दौड़ में शामिल
साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ भारत ए के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। इन दोनों ने अपनी प्रतिभा और निरंतरता से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा है।
वर्तमान में, ये दोनों खिलाड़ी पर्थ में मैच सिमुलेशन में भाग ले रहे हैं। हालांकि, बीसीसीआई इनमें से किसी एक को मुख्य टीम के लिए बैकअप खिलाड़ी के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रोक सकती है, जबकि भारत ए टीम 17 नवंबर को वापस लौटेगी।
आंकड़ों पर एक नजर
साई सुदर्शन
अपने शानदार स्ट्रोक प्ले के लिए जाने जाने वाले साई सुदर्शन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ए सीरीज में बेहतरीन बल्लेबाजी की और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी विश्वसनीयता साबित की।
देवदत्त पडिक्कल
शैलीशाली बाएं हाथ के बल्लेबाज पडिक्कल ने घरेलू क्रिकेट में अपने अनुभव और स्थिरता से भारत ए टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उनके शांत स्वभाव और निरंतरता ने उन्हें चयन के लिए एक मजबूत दावेदार बनाया है।
टीम की गहराई की परीक्षा
भारतीय टीम प्रबंधन अब इन दोनों बाएं हाथ के बल्लेबाजों में से एक को चुनने की महत्वपूर्ण चुनौती का सामना कर रहा है। पहले टेस्ट में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में यह फैसला टीम की बल्लेबाजी लाइनअप को स्थिरता देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
पहला टेस्ट 14 दिसंबर से शुरू होगा, और भारतीय टीम को उम्मीद है कि अगर इन्हें मौका मिलता है, तो ये युवा खिलाड़ी टीम की जरूरत के समय शानदार प्रदर्शन करेंगे।