ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थी के रूप में रह रही अफगान महिलाओं की क्रिकेट टीम 30 जनवरी 2024 को मेलबर्न के जंक्शन ओवल में एक ऐतिहासिक मैच खेलेगी। यह पहल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA), क्रिकेट एसीटी और क्रिकेट विदाउट बॉर्डर्स चैरिटी के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य तालिबान के दमनकारी शासन से विस्थापित अफगान महिला खिलाड़ियों को समर्थन देना है।
अफगान महिला क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर
इस प्रदर्शनी मैच में अफगान महिलाओं की शरणार्थी टीम का सामना क्रिकेट विदाउट बॉर्डर्स चैरिटी द्वारा गठित टीम से होगा। यह मैच न केवल प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके आयोजन का समय भी खास है। यह मैच उसी दिन होगा, जब मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच महिला एशेज टेस्ट खेला जाएगा।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकले ने इस पहल की सराहना की और इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अफगान महिला क्रिकेटरों के समर्थन पर जोर दिया। उन्होंने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को बताया, “यह मैच इन महिलाओं के साहस और उनके क्रिकेट के प्रति जुनून को जीवित रखने की उनकी दृढ़ता का जश्न है।”
अफगानिस्तान पुरुष टीम पर CA की सख्त स्थिति
यह पहल तब हो रही है जब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया तालिबान की दमनकारी नीतियों, खासकर महिलाओं के खेल पर प्रतिबंध, के कारण अफगानिस्तान की पुरुष टीम से किसी भी प्रकार की क्रिकेटिंग भागीदारी से इनकार कर रहा है।
2021 में तालिबान के पुनरुत्थान के बाद से, सीए ने अफगानिस्तान पुरुष टीम के साथ तीन द्विपक्षीय श्रृंखलाएं रद्द कर दी हैं। हालांकि, 2026 के मध्य में आईसीसी के फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (FTP) के तहत अफगानिस्तान पुरुष टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा प्रस्तावित है, लेकिन सीए की सख्त नीति के कारण इन मैचों का भविष्य अनिश्चित है।
अफगान महिला क्रिकेटरों का संघर्ष और उम्मीद
ऑस्ट्रेलिया में रह रही कई अफगान महिला क्रिकेटरों के लिए यह आगामी मैच केवल एक खेल नहीं है। यह उनके लिए उम्मीद और उनके क्रिकेटिंग सपनों को पुनर्जीवित करने का अवसर है। टीम की सदस्य फिरोज़ा अमीरी ने महिलाओं के क्रिकेट जारी रखने की कठिनाइयों पर प्रकाश डाला।
अमीरी ने एक साक्षात्कार में कहा, “हममें से कई ने उम्मीद खोना शुरू कर दिया है। कुछ खिलाड़ी अन्य खेलों की ओर रुख करने पर विचार कर रही हैं, क्योंकि क्रिकेट के अवसर बहुत कम हो गए हैं।”
समावेशिता और सशक्तिकरण की ओर एक कदम
अफगान महिला खिलाड़ियों को समर्थन देने का क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का निर्णय साहसिक और सार्थक है। इस प्रदर्शनी मैच के माध्यम से, सीए न केवल समावेशिता की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है, बल्कि तालिबान के शासन के तहत पुरुष टीम का बहिष्कार करते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने का एक मजबूत संदेश भी देता है।
30 जनवरी को जंक्शन ओवल में होने वाला यह मैच न केवल अफगान महिला खिलाड़ियों की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित करेगा, बल्कि खेल में लैंगिक समानता के वैश्विक मुद्दे पर भी प्रकाश डालेगा।