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IPL 2025 से पहले कानूनी पचड़े में फंसे एमएस धोनी, झारखंड हाई कोर्ट से मिला कानूनी नोटिस

चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी IPL 2025 के बहुप्रतीक्षित सीजन से ठीक पहले एक कानूनी विवाद में उलझ गए हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने धोनी को उनके पूर्व बिजनेस पार्टनर्स, मिहिर दिवाकर और सौम्या दास द्वारा लगाए गए व्यापारिक कदाचार के आरोपों के चलते एक कानूनी नोटिस जारी किया है।

धोनी के खिलाफ कानूनी नोटिस क्यों जारी हुआ?

यह विवाद दिवाकर और दास, जो कि आर्का स्पोर्ट्स एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के निदेशक हैं, द्वारा दायर किए गए एक मामले से शुरू हुआ है। उन्होंने धोनी पर धोखाधड़ी और अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाया है। आरोपों के मुताबिक, यह विवाद क्रिकेट अकादमियों की स्थापना से जुड़ा है, जो धोनी के ब्रांड के तहत पूरे भारत में स्थापित की जानी थीं। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि धोनी ने साझेदारी के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं किया, जिसके चलते उन्हें कानूनी कार्रवाई का सहारा लेना पड़ा।

झारखंड हाई कोर्ट ने 12 नवंबर को जारी अपने नोटिस में धोनी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह समन इस कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो धोनी के भारतीय क्रिकेट में कद के कारण पहले ही सार्वजनिक ध्यान आकर्षित कर चुका है।

धोनी के पूर्व साझेदारों के खिलाफ पलटवार

इस विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब धोनी ने जनवरी 2024 में अपने पूर्व बिजनेस सहयोगियों के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दर्ज की। धोनी का आरोप है कि दिवाकर और दास ने उनकी सहमति के बिना उनके नाम और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग जारी रखा, यहां तक कि उनके बीच की साझेदारी समाप्त हो जाने के बाद भी।

सूत्रों का कहना है कि धोनी का दावा है कि आर्का स्पोर्ट्स के साथ संबंध खत्म करने के बावजूद उनके पूर्व साझेदारों ने उनके ब्रांड का गलत इस्तेमाल किया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा। अब हाई कोर्ट ने CSK कप्तान से इन आरोपों के जवाब में विस्तृत स्पष्टीकरण देने को कहा है।

हाई कोर्ट का धोनी को निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट ने धोनी को अदालत में पेश होने और इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने का आदेश दिया है। यह कानूनी नोटिस मामले में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी को दर्शाता है, जहां दोनों पक्ष एक तीखी कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।

IPL 2025 अभियान पर असर

यह कानूनी विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब धोनी को हाल ही में IPL 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले एक अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में रिटेन किया गया था। CSK के इस स्टार खिलाड़ी, जिन्होंने अपनी टीम को कई IPL खिताब दिलाए हैं, से आगामी सीजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, भले ही उनके संन्यास को लेकर अटकलें जारी हैं।

हालांकि, CSK फ्रैंचाइज़ी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह कानूनी विवाद धोनी की तैयारियों के लिए एक संभावित बाधा साबित हो सकता है, खासकर अगर यह उनका अंतिम IPL सीजन होता है।

आगे क्या होगा?

इस कानूनी विवाद के चलते धोनी की कोर्ट में पेशी की उम्मीद है, जिससे यह मामला और गंभीर हो सकता है। सभी की नजरें इस कानूनी मामले के परिणाम पर होंगी, क्योंकि इसका असर न केवल धोनी के व्यापारिक उपक्रमों पर पड़ेगा, बल्कि उनके क्रिकेटिंग करियर पर भी पड़ सकता है।

जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ेगी, क्रिकेट प्रशंसक और कानूनी विशेषज्ञ इस हाई-प्रोफाइल केस पर करीब से नजर रखेंगे। दोनों पक्ष एक लंबी कानूनी लड़ाई के लिए तैयार दिख रहे हैं, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का अंत क्या होता है।

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